शिवमहापुराण ज्ञान यज्ञ कथा महोत्सव के तृतीय दिवस पर कथा सुनते हुए भाव-विभोर हो श्रोता - MBNEWS

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Tuesday, November 25, 2025

शिवमहापुराण ज्ञान यज्ञ कथा महोत्सव के तृतीय दिवस पर कथा सुनते हुए भाव-विभोर हो श्रोता

गरियाबंद / शिवशक्ति महिला परिवार द्वारा आयोजित शिवमहापुराण ज्ञान यज्ञ कथा महोत्सव के तृतीय दिवस पर कथा सुनते हुए भाव-विभोर हो गरियाबंद।शिवशक्ति महिला परिवार द्वारा आयोजित शिवमहापुराण ज्ञान यज्ञ कथा महोत्सव के तृतीय दिवस पर कथा पंडाल में आस्था और भक्ति का अद्भुत संगम दिखाई दिया। हजारों की संख्या में उपस्थित भक्तगण सृष्टि वर्णन एवं माता सती चरित्र की दिव्य कथा सुनते हुए भाव-विभोर हो उठे।  

कथा वाचिका परम पूज्य दीदी पंडित पलक नरेश दुबे जी ने अपने मुखारविंद से सृष्टि की उत्पत्ति, शिवतत्व की महिमा तथा माता सती के त्याग और भक्ति भाव को अत्यंत मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया*

 कथा की प्रमुख बिंदु:

सृष्टि निर्माण का रहस्य एवं शिव की सर्वव्यापी शक्ति

माता सती का चरित्र – त्याग, प्रेम और धर्मनिष्ठा का अमर प्रसंग

शिव-तत्व को समझने का वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण है

जीवन में संयम, सेवा और श्रद्धा का महत्व

कथा श्रवण के दौरान कई बार भक्तों के मुख से ‘हर हर महादेव’ के जयघोष गूंजे और पूरा पंडाल भक्ति-मय वातावरण से भर उठा।

कथावाचिका दीदी ने बताया कि *“जग में सृष्टि तभी पूर्ण होती है जब स्त्री-शक्ति सम्मानित हो; माता सती का चरित्र हमें आत्मबल और आत्मसम्मान का संदेश देता है।”

भक्तों की भारी उपस्थिति

कथा के दौरान नगर एवं* *आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।

 कथा समिति ने आगामी चतुर्थ दिवस में

‘*शिव-पार्वती विवाह’ की पावन कथा में शामिल होकर पुण्य लाभ लेने का निवेदन किया

कथा पंडाल में आस्था और भक्ति का अद्भुत संगम दिखाई दिया। हजारों की संख्या में उपस्थित भक्तगण सृष्टि वर्णन एवं माता सती चरित्र की दिव्य कथा 

सुनते हुए भाव-विभोर हो  उठे।

कथा वाचिका परम पूज्य दीदी पंडित पलक नरेश दुबे जी ने अपने मुखारविंद से सृष्टि की उत्पत्ति, शिवतत्व की महिमा तथा माता सती के त्याग और भक्ति भाव को अत्यंत मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया*

कथा की प्रमुख बिंदु:

सृष्टि निर्माण का रहस्य एवं शिव की सर्वव्यापी शक्ति

माता सती का चरित्र – त्याग, प्रेम और धर्मनिष्ठा का अमर प्रसंग

शिव-तत्व को समझने का वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण है

जीवन में संयम, सेवा और श्रद्धा का महत्वकथा श्रवण के दौरान कई बार भक्तों के मुख से ‘हर हर महादेव’ के जयघोष गूंजे और पूरा पंडाल भक्ति-मय वातावरण से भर उठा।

कथावाचिका दीदी ने बताया कि *“जग में सृष्टि तभी पूर्ण होती है जब स्त्री-शक्ति सम्मानित हो; माता सती का चरित्र हमें आत्मबल और आत्मसम्मान का संदेश देता है।”

भक्तों की भारी उपस्थिति

कथा के दौरान नगर एवं* *आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।

 कथा समिति ने आगामी चतुर्थ दिवस में

शिव-पार्वती विवाह’ की पावन कथा में शामिल होकर पुण्य लाभ लेने का निवेदन किया