स्मार्ट क्लासेस का संचालन - तकनीकी दिक्कतें व निदान : एफडीपी का चौथा दिन - MBNEWS

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Thursday, February 20, 2025

स्मार्ट क्लासेस का संचालन - तकनीकी दिक्कतें व निदान : एफडीपी का चौथा दिन

गरियाबंद /राजिम - पीएम उषा द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन शासकीय राजीव लोचन स्नातकोत्तर महाविद्यालय राजिम के द्वारा किया जा रहा है। कार्यक्रम के चौथे दिवस के प्रथम सत्र में विषय विशेषज्ञ श्री डिगेश्वर प्रसाद साहू सहायक प्राध्यापक सेठ फूलचंद अग्रवाल स्मृति महाविद्यालय नवापारा राजिम ने आईसीटी के अंतर्गत स्मार्ट क्लासरूम टूल्स के इंट्रोडक्शन सेशन में कहा कि टेक्नोलॉजी का उपयोग 21वीं सदी का आवश्यकता है ।उन्होंने कहा आज टेक्नोलॉजी एनवायरमेंट काफी विस्तृत हो चुकी है, इसका कारण यह है की कॉविड-19 के समय में जब मैन्युअल क्लासेस बंद हो गई थी तो शिक्षा के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी क्रांतिकारी बदलाव लेकर आया ।उसी के दरमियान नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 अस्तित्व मेंआया ।आज क्लास रूम को स्मार्ट किया जा रहा है बहुत सारे टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा रहा है, टेक्नोलॉजी का उपयोग  समझने में स्टूडेंट के एनवायरमेंट को बढ़ावा देता है ।आज छत्तीसगढ़ में 2024 के एक आंकड़े के तहत 1,26,000 स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम कक्षाएं प्रारंभ हो चुकी है। इसी प्रकार स्मार्ट लाइब्रेरी रायपुर में विकसित हो चुका है। आज स्मार्ट तकनीक की कृषि क्षेत्र में भी उपयोगिता बढ़ चुकी है। जिससे ड्रोन सिस्टम के माध्यम से खाद दवाई आदि का छिड़काव किया जा रहा है। साथ ही साथ मानव संसाधन मंत्रालय 2023 द्वारा हर एक क्लास रूम को डेवलप करने के लिए 2.4 लाख  रुपए का फंड प्रदाय किया जाता है। जो कि यह बतलाता है कि आज के समय में स्मार्ट क्लास की कितनी आवश्यकता है जो इनकी उपयोगिता को सुनिश्चित करती है।   डिजिटल क्लासरूम की भी बहुत सारे उद्देश्य हैं जैसे लर्निंग एनवायरमेंट, एजुकेशनल टेक्नोलॉजी में परिवर्तन आदि। इसी प्रकार टेक्नोलॉजिकल स्मार्ट क्लासरूम में चार प्रकार के क्लासरूम का जिक्र किया जिसमें स्टैंडर्ड क्लासरूम इंटरमीडिएट क्लासरूम एडवांस्ड क्लासरूम। इसमें टेक्नोलॉजी सेटअप के बारे में बताएं जिसमें बोर्ड सेटअप रेंडम डिवाइस 3D वेंचर्स रियलिटी स्मार्ट बोर्ड आदि।

द्वितीय सत्र में एक्सपर्ट पॉलिटेक्निक कॉलेज रायपुर के सहायक प्राध्यापक श्री रूपेश कुमार ने एसेसिंग मेकैनिज्म के अंतर्गत स्वयं पोर्टल से महत्वपूर्ण टीचिंग टॉपिक को पढ़ने सीखने तथा परीक्षा देकर किस प्रकार ऑनलाइन माध्यम से सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं इस विषय पर गहराई से बातचीत की तथा एनपीटीएल अर्थात नेशनल प्रोगाम  एंड टेक्नोलॉजी एनहैंस्ड लर्निंग जो कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी और भारतीय विज्ञान संस्थान आईएससी के बीच संयुक्त पहल है जिसमें भारत के सभी कोनों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना प्रमुख ध्येय है। इनके महत्व तथा विशेषता को बतलाते हुए एनपीटीईएल के प्रमुख टूल कोर्स डिटेल ऑनलाइन पाठ्यक्रम रीडिंग मैटेरियल यूट्यूब चैनल ट्रांसक्राइब्ड वीडियो आदि के बारे में सविस्तार पाठ्य चर्चा की। गौर तलब है की एनपीटीईएल शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा एम ओ यू कर वित्त पोषित है। कार्यक्रम को सफल बनाने में संस्था प्रमुख डॉक्टर सविता मिश्रा, श्री मोहनलाल वर्मा ,डॉक्टर समीक्षा चंद्राकर ,डॉक्टर के आर मतावले ,श्री घनश्याम यदु ,मुकेश कुर्रे ,डॉक्टर राजेश बघेल ,डॉ देवेंद्र देवांगन, आकाश बाघमरे ,क्षमा शिल्पा मसीह, Dr भानु प्रताप नायक तथा कार्यक्रम की संयोजिका सुश्री मनीषा भोई का सफल योगदान रहा ।यह जानकारी मीडिया प्रभारी श्रीमती श्वेता खरे द्वारा प्रदान की गई।